Star Khabre, Faridabad; 13th March : एनआईटी 5 नंबर सुसाइड मामले में दिनोंदिन नए खुलासे हो रहे हैं। इन नए खुलासे से न सिर्फ कई बातें साफ हो रही हैं बल्कि कई नए सवाल भी खड़े हो रहे हैं। आपको हमने एक खबर के माध्यम से बताया था कि जम्मू-कटरा में एक फरीदाबाद एनआईटी 5 निवासी मनोज अरोड़ा ने जहर खाकर आत्महत्या करने का प्रयास किया था। इस आत्महत्या के प्रयास के पीछे उन्होंने मनीष चावला को जिम्मेदार ठहराया था और आरोप लगाया था कि मनीष उनसे जबरदस्ती एक करोड़ रुपए का चैक ले गया और उन्हें जान से मारने की धमकी भी दे रहा है। इसी कड़ी में जब हमने पड़ताल की तो तथ्य कुछ और ही नजर आए। तथ्यों के अनुसार यह व्यापार के लेन-देन का मामला जान पड़ता है। मनीष चावला की पत्नी रिम्पी चावला के अनुसार मनोज अरोड़ा ने जो सुसाइड करने का प्रयास किया है, वह सिर्फ और सिर्फ उनके डेढ़ करोड़ रुपए हड़पने का प्रयास है।
कल हमने अपने पाठकों को एक खबर के माध्यम से बताया कि मनोज अरोड़ा और मनीष चावला की पत्नी रिम्पी चावला के बीच व्यापार का लेन-देन है। मनोज अरोड़ा का मनीष चावला के पास जो चैक है, वह उनकी पत्नी की फर्म गुरू कृपा स्टोर के लेन-देन का ही एक हिस्सा है। ऐसा हम नहीं बल्कि उनके व्यापार की किताबें बोल रही हैं। रिम्पी चावला ने हमारे संवाददाता को अपनी गुरू कृपा फर्म की तीन साल की बैलेंस शीट दिखाई जिसमें साफ तौर पर मनोज अरोड़ा व मनोज अरोड़ा के पिता चन्द्रप्रकाश के साथ करोड़ो रुपए का लेन-देन दर्शाया हुआ है। इतना ही नहीं आज इस मामले में इस लेन-देन का और पुख्ता करते हुए रिम्पी चावला ने अपनी फर्म का बैंक अकाउंट स्टेटमेंट भी दिखाया। बैंक स्टेटमेंट में साफ तौर पर बैलेंस शीट के अनुसार मनोज अरोड़ा द्वारा गुरू कृपा को दी गई करोड़ो रुपए की राशि साफ तौर पर दिखाई दे रही है। मनोज अरोड़ा ने 11 जुलाई से 20 नवंबर तक यानि चार महीनों में लगभग डेढ़ करोड़ रुपए की गुरू कृपा को अदायगी की हुई है। रिम्पी चावला के अनुसार मनोज अरोड़ा पर अभी भी लगभग डेढ़ करोड़ रुपए बकाया है। इसी की एवज में उन्होंने उन्हें एक करोड़ रुपए का चैक दिया हुआ है लेकिन मनोज अरोड़ा की नियत में अब खौट आ गया है और वह उनके पैसे नहीं देना चाहते। इसलिए वह सुसाइड का नाटक कर उन्हें व उनके पति को फंसाने का प्रयास कर रहे हैं। रिम्पी चावला के पति मनीष चावला के अनुसार यह सुसाइड का प्रयास एक सोची समझी चाल है। इसमें मनोज अरोड़ा के साथ पांच नंबर निवासी एक सरदार भी शामिल है जिनके इशारे पर उन्होंने यह षडय़ंत्र रचा है।
खैर जो भी हो लेकिन कागज तो रिम्पी चावला व उनके पति मनीष चावला को ही सही कह रहे हैं। तीन साल की बैंलेंस शीट और बैंक स्टेटमेंट ऐसे पुख्ता प्रमाण हैं जिन्हें नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। मनोज अरोड़ा ने अपने सुसाइड नोट में पिछले चार-पांच महीने पहले ही यह घटना बयान की है लेकिन रिम्पी चावला की बैंलेंस शीट पिछले तीन साल से मनोज अरोड़ा के साथ अपना लेन-देन दिखा रही है।
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