Star Khabre, Faridabad; 02nd February : फरवरी माह तीन राज्यों की राजनीति को लेकर बड़ा ही अह्म माना जा रहा है। माना जा रहा है कि इसी माह मे तीन राज्यों को लेकर बड़े फैसले लिए जाएंगे। संभावना है कि फरवरी माह के तीसरे सप्ताह में तीन विधानसभा भंग हो जाए और उनके विधानसभा चुनाव लोकसभा चुनावों के साथ ही करा दिए जाए। कांग्रेस के रणनीतिकारों का कहना है कि महाराष्ट्र, हरियाणा और झारखंड विधानसभा के चुनाव लोकसभा चुनाव के साथ ही अप्रैल-मई 2019 में ही कराए जाए। संभावनाओं को देखते हुए कांगे्रस व अन्य दलों ने भी तैयारी शुरू कर दी है। हालांकि कल हरियाणा सत्ताधारी पार्टी की कोर कमेटी की बैठक भी होनी है। सूत्रों का कहना है कि बैठक में विधानसभा चुनाव कब हो, इसे लेकर ही चर्चा की जाएगी।
विधानसभा भंग होने के बाद नियमानुसार इसके 6 माह के भीतर चुनाव कराना पड़ेगा लेकिन जून-जुलाई-अगस्त में मानसून होने के कारण चुनाव कराने में दिक्कत होगी। इसलिए सरकार लोकसभा चुनाव के साथ ही अप्रैल-मई में ही इन राज्यों में भी चुनाव करा सकती है। कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता का कहना है कि उनको सूचना है कि इन तीनों राज्यों की सरकारों ने इसकी तैयारी कर ली है। वे फरवरी 2019 के तीसरे सप्ताह में इसके लिए विधानसभा भंग करके, राज्यपाल की मंजूरी के बाद चुनाव आयोग से लोकसभा के साथ ही चुनाव कराने की अर्जी लगा सकते हैं। यह लगभग तय भी हो गया है। इसलिए कांगे्रस ने भी इन राजयों में लोकसभा के साथ विधानसभा चुनाव की भी तैयारी शुरू कर दी है। सत्ताधारी पार्टी भाजपा ने तो इसके लिए पहले से ही तैयारी शुरू कर दी थी। इसके चलते इन राज्यों में भाजपा संगठन व तंत्र पूरी तरह से तैयार खड़ा है। हालांकि अभी तक हरियाणा के मुख्यमंत्री लोकसभा चुनाव के साथ विधानसभा चुनाव होने की बात को लेकर मना करते आए हैं लेकिन सूत्रों का कहना है कि कल यानि 3 फरवरी को दिल्ली हरियाणा भवन में होने वाली कोर कमेटी की बैठक में इसका फैसला हो सकता है। राजनैतिक गलियारों में यह चर्चा आम है कि कोर कमेटी में प्रदेश की तरफ से विधानसभा चुनाव कब हो इस बात पर अंतिम फैसला हो सकता है।
हरियाणा में यदि राजनैतिक पाटियों की चर्चा करें तो जहां भाजपा संगठन ने काफी पहले से ही बूथ लेवल पर काम करने के लिए अपने कार्यकर्ता सक्रिय किए हुए हैं। हरियाणा के पानीपत, करनाल, यमुनानगर, रोहतक, हिसार, नगर निगमों में हुए मेयर पद के सीधी लड़ाई में भाजपा के प्रत्याशी 70-80 हजार मतों से जीते हैं। इन पांच नगर निगमों के बाद जींद विधानसभा उपचुनाव में भी मिली बड़ी जीत के कारण भाजपा कार्यकर्ता उत्साह से भरे हुए हैं। वहीं कांगे्रस का अभी संगठन भी तैयारी नहीं है। कांगे्रस के राष्ट्रीय अध्यक्ष कई वर्ष से अपने प्रदेश अध्यक्ष अशोक तंवर को बदलने की ही सोच रहे हैं लेकिन उनके नये जिला अध्यक्ष भी नहीं चुने गए। कांगे्रस के पूर्व मुख्यमंत्री और अध्यक्ष दो गुटों में बंटे हुए हैं। वहीं जेल में बंद ओम प्रकाश चौटाला की पार्टी इंडियन नेशनल लोकदल का भी हाल यह है कि इसमें दो धड़ हो गए हैं। ओम प्रकाश चौटाला के दो लडक़े हैं। बड़ा लडक़ा अजय चौटाला तथा छोड़ा लडक़ा अभय चौटाला। अजय चौटाला के लडक़े दुष्यंत चौटाला हैं जो हिसार से सांसद हैं। उन्होंने अपने दादा ओम प्रकाश चौटाला और चाचा अभय चौटाला से बगावत करके अलग पार्टी जननायक जनता पार्टी बना ली है। ओम प्रकाश चौटाला और उनके बड़े बेटे अजय चौटाला शिक्षक भर्ती घोटाला मामले में कई वर्ष से जेल में बंद हैं। ग्रामीण इलाके वाली जाट बहुल विधानसभा सीट जींद में हुए उपचुनाव में कांगे्रस ने कैथल विधानसभा से विधायक और राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला 22 हजार 740 वोट पाकर तीसरे स्थान पर रहे। इनकी जमानत जब्त होते-होते बची है। जबकि दूसरे स्थान पर जजपा रही।
बिखर गई इनेलो और असंगठित कांगे्रस व उसके नेताओं की आपसी कलह के कारण भाजपा भी जल्द ही चुनाव कर इस फूट का फायदा तुरंत ले लेना चाहती है। साथ ही भाजपा नेताओं का तो यह भी मानना है कि केन्द्र की मोदी सरकार ने बजट में किसानों व आम आदमी के फायदे वाला बहुत कुछ ऐलान किया है। इसका भी चुनाव में फायदा होगा।