Shikha Raghav, Faridabad; 24th June : लोकसभा चुनावों के बाद विधानसभा चुनावों की चर्चाएं अब जोरों पर है। हर कोई अपने अपने हिसाब से विधानसभा चुनावों का गणित लगा रहा है। भाजपा की बात करें तो प्रत्येक विधानसभा में टिकट की दावेदारी करने वालों की लाइन लगी हुई है। लोकसभा में प्रचण्ड जीत के बाद भाजपा में न केवल अपने दल के नेता बल्कि अन्य दलों के नेता भी भाजपा की टिकट की लाइन में लगे नजर आ रहे हैं। सूत्रों की माने तो भाजपा किसी को भी स-शर्त लेने को तैयार नहीं है।
फरीदाबाद लोकसभा क्षेत्र में सबसे क्रीम विधानसभा बडख़ल को माना जाता है। बडख़ल विधानसभा में टिकट लेने वालों की फेरिस्त काफी लंबी है। इसमें मौजूदा विधायक सीमा त्रिखा, धनेश अद्लक्खा, सुमन बाला, गजेन्द्र भड़ाना उर्फ लाला, रेनू भाटिया, राजन मुथरेजा, संदीप कौर, संदीप भारद्वाज, कैलाश बैंसला सहित कई नाम चर्चा में हैं लेकिन यदि मजबूती की बात की जाए तो विधायक सीमा त्रिखा, सुमन बाला और धनेश अद्लक्खा के अतिरिक्त अन्य किसी की मजबूत दावेदारी नहीं देखी जा रही।
मौजूदा विधायक सीमा त्रिखा की बात करें तो यदि वह टिकट लाने में कामयाब होती हैं तो लोगों का मानना है कि इस विधानसभा से वह दुबारा जीत सकती हैं। या यूं कह लो कि साफतौर पर लोग चर्चा करते नजर आते हैं कि टिकट लाने के बाद विधायक सीमा त्रिखा की जीत निश्चित है।
आखिर क्यों है जीत निश्चित, क्या हैं कारण
बडख़ल विधानसभा में जब लोगों से चर्चा की गई तो उन्होंने बताया कि पिछली बार की तरह इस बार का चुनाव भी गुर्जर वर्सस पंजाबी होगा। चूंकि यह विधानसभा पंजाबी बाहुल्य है, इसलिए पंजाबी उम्मीदवार का यहां पलड़ा भारी रहेगा।
33 हजार का आंकड़ा पार नहीं कर पाई कांग्रेस
कांग्रेस पिछले तीन चुनावों से 33 हजार वोटों का आंकड़ा पार नहीं कर पाई है। या यह भी कह सकते हैं कि कांग्रेस का इस विधानसभा क्षेत्र में 33 हजार मतदाताओं का वोट बैंक है जोकि पिछले तीन चुनावों से लगातार बरकरार है। आंकड़ों की बात करें तो वर्ष 2009 विधानसभा चुनावों में कांग्रेस को 33105 वोट मिले थे। जबकि वर्ष 2014 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के खाते में 33609 वोट आए और अब 2019 लोकसभा चुनावों में भी कांग्रेस के पाले में 33698 वोट आए हैं। यानि यह 33 हजार मतदाता जिन्होंने पिछले तीन चुनावों से कांग्रेस को ही वोट किया है, इन्हें कांग्रेस का ही कैडर वोट कहेंगे।
74000 से अधिक मतों का है जीत का अंतर
हाल ही में संपन्न हुए लोकसभा चुनावों में बडख़ल विधानसभा क्षेत्र से भाजपा प्रत्याशी की जीत का अंतर 74475 वोटों का है। भाजपा की टिकट पर चुनाव लडक़र देश में तीसरे नंबर की जीत हासिल करने वाले फरीदाबाद के सांसद व केन्द्रीय राज्यमंत्री कृष्णपाल गुर्जर को बडख़ल विधानसभा क्षेत्र से कुल 108173 मत मिले। जबकि कांग्रेस प्रत्याशी अवतार सिंह भड़ाना को 33698 वोट मिले थे। यानि यहां से भाजपा को 74475 मत अधिक मिले।
अब यदि बात करें विधानसभा चुनाव की तो इसमें यह मान भी लिया जाए कि करीब 20 हजार वोट सांसद कृष्णपाल गुर्जर को गुर्जर जाति के मिले होंगे और विधानसभा चुनाव में यह वोट विधायक सीमा त्रिखा को नहीं मिलेंगे। इसके साथ ही विधायक का विरोध होने के चलते उन्हें 20 हजार वोटो का और भी नुकसान होगा तो भी वह 34 हजार वोटों की बढ़त लेती नजर आती हैं।
साफ छवि दे रही सहयोग
विधायक सीमा त्रिखा पर पिछले पांच सालों में कोई बड़ा भ्रष्टाचार का आरोप नहीं लगा है। हालांकि बडख़ल विधानसभा क्षेत्र में न तो पहाड़ो पर खनन रूका है और न ही अवैध निर्माणों पर कोई रोक लगी है। पूरा एनआईटी क्षेत्र अवैध निर्माणों से अटा पड़ा है। इसके साथ ही रजिस्ट्री में भी धांधली नहीं रूकी है लेकिन उसके बावजूद सीमा त्रिखा पर अभी तक कोई बड़ा भ्रष्टाचार का आरोप नहीं लगा है।
टिकट लाना है चुनौती
भाजपा की टिकट लाना इस बार एक चुनौती का कार्य है। हाल ही में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष व देश के गृहमंत्री अमित शाह ने हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को पुराने कार्यकर्ताओं को तव्वजों देने के लिए कहा है लेकिन यहां विधायक सीमा त्रिखा से पुराने कार्यकर्ता ही नाराज हैं। वर्ष 2014 विधानसभा चुनावों में जिन कार्यकर्ताओं ने चुनावों में विधायक को जिताने के लिए दिन-रात काम किया था, वह ही अब सीमा से खफा बैठे हैं जोकि विधायक सीमा त्रिखा के लिए खिलाफ जा रहा है। अब यदि विधायक सीमा त्रिखा की टिकट कटती है तो यहां से धनेश अद्लक्खा और सुमन बाला की दावेदारी मजबूत नजर आती है और ऊपर जीत के सभी कारण इन उम्मीदवारों पर भी सटीक बैठते हैं।
अब देखना यह है कि आखिर भाजपा अपना टिकट किसे देती है। खैर यह तो पक्का है कि भाजपा टिकट मिली तो जीत निश्चित है।