Star Khabre, Faridabad; 4th September : सीआरपीएफ की कांस्टेबल भर्ती के दौरान खेवड़ा कैंप में फर्जीवाड़ा उजागर होने पर ऑनलाइन लिखित परीक्षा कराने वाले सेंटरों की भूमिका संदिग्ध मानी जा रही है। सीआरपीएफ व राई थाना पुलिस ने ऐसे सभी सेंटरों की जांच करेगी। जिस भी सेंटर में लिखित परीक्षा हुई थी। वहां पर सीसीटीवी कैमरे की व्यवस्था की जाती है। पुलिस अब 417 आवेदकों की जगह लिखित परीक्षा देने वाले फर्जी आवेदकों की पहचान करेगी। इसके लिए सभी सेंटर की जांच करने के लिए टीम गठित की गई है।
सीआरपीएफ के कमांडेंट आरके गुप्ता ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि जो भी दोषी मिलेगा, उसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। यदि कोई आरोपी सीआरपीएफ से मिला तो उसके खिलाफ भी कानूनी व विभागीय दोनों कार्रवाई की जाएगी।
सीआरपीएफ चंडीगढ़ की 51वीं बटालियन के भर्ती बोर्ड के चेयरमैन कमांडेट संजीव कुमार ने राई थाना में शिकायत दी थी कि एसएससी ने खेवड़ा कैंप के लिए तीन हजार कांस्टेबल की लिखित परीक्षा ऑनलाइन ली थी। आवेदकों की सीआरपीएफ कैंप खेवड़ा में 13 अगस्त से लेकर 27 अगस्त तक शारीरिक परीक्षा ली जा रही थी।
शारीरिक परीक्षा के दौरान अनिल कुमार पुत्र राजेश कुमार निवासी पंडवान जिला चरखीदादरी, सचिन्द्र पुत्र रामेश्वर सिंह निवासी जलमाना जिला पानीपत, सुरेश पुत्र धनपत सिंह निवासी खरक कुराड़ जिला भिवानी व योगेश कुमार पुत्र भगवान दास निवासी रानीला जिला चरखीदादरी को गिरफ्तार किया गया था। पुलिस ने इन सभी को मंगलवार सुबह दोबारा कोर्ट में पेश किया। जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।
चार युवक पकड़े गए तो हुआ खुलासा: गुप्ता
सीआरपीएफ के कमांडेंट आरके गुप्ता ने कहा कि पैरामिलिट्री फोर्स के लिए ऑनलाइन आयोजित लिखित परीक्षा ली थी। जो युवक शारीरिक परीक्षा में पकड़े गए हैं। उन्होंने दिल्ली के सेंटर में अपनी जगह दूसरे युवकों को बैठाकर परीक्षा दिलाई थी। जब वे शारीरिक परीक्षा के लिए खेवड़ा कैंप में पहुंचे तो उनके फोटो व अंगूठों का मिलान नहीं हुआ। इस मामले में पहले चार युवकों को संदिग्ध मानते हुए जांच की गई थी। इस जांच में सामने आया कि चारों युवकों ने अपनी जगह किसी दूसरे युवकों को लिखित परीक्षा में बैठा दिया था। चार युवकों के पकड़ने जाने से जांच शुरू हुई तो 413 और ऐसे युवक मिले। जिनके अंगूठे व फोटो मिलान नहीं हो रहे हैं। अभी जांच चल रही है। यह संख्या और भी बढ़ सकती है।