Star Khabre, Faridabad; 1st November : हरियाणा में नए मंत्रिमंडल के गठन के लिए पुराने मंत्रियों से सलाह मशवरा किया जाएगा। भाजपा ने प्रदेश के सभी पूर्व मंत्रियों को चंडीगढ़ आने का निमंत्रण भेजा गया है। हरियाणा दिवस के अवसर पर सीएम मनोहर लाल पूर्व मंत्रियों के साथ लंच करेंगे। इस दौरान प्रदेश में 75 से अधिक सीटें न जीते जाने पर भी मंथन होगा। पुराने मंत्रियों के साथ बैठक अनौपचारिक होगी। पार्टी में अंदर खाते भी विरोध पनप रहा है।
पूर्व मंत्री और पूर्व विधायक के बीच ऑडियो को लेकर नोकझोंक हो चुकी है। जबकि हार के बाद कई नेता भी काफी खफा हैं। छह नवंबर के बाद कभी भी नए मंत्रिमंडल की घोषणा हो सकती है। सीएम मनोहर लाल अब हर कदम फूंक-फूंक कर रख रहे हैं। अब तक सीएम पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव अमित शाह व पीएम नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ मुलाकात कर चुके हैं।
सीएमओ से शुक्रवार सुबह करीब 11 बजे अपनी कोठी पर होने वाली बैठक के लिए पुरानी कैबिनेट में शामिल मंत्रियों को न्यौता दिया गया है। पार्टी सूत्रों के अनुसार पूर्व मंत्रियों की बैठक बुलाने का निर्णय नई दिल्ली में हुआ है। गौरतलब है कि विधानसभा चुनावों में आठ मंत्री चुनाव हार गए थे। इनमें प्रमुख रुप से परिवहन मंत्री कृष्ण पंवार, वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु, शिक्षा मंत्री राम बिलास शर्मा, स्थानीय निकाय मंत्री कविता जैन, सहकारिता मंत्री मनीष ग्रोवर, खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री कर्ण देव कांबोज, समाज कल्याण मंत्री कृष्ण बेदी के अलावा पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष सुभाष बराला शामिल हैं।
दो जीते हुए मंत्री, दो पूर्व मंत्रियों को मिला निमंत्रण
सीएमओ की ओर से पूर्व मंत्री अनिल विज, डॉ. बनवारी लाल को भी निमंत्रण भेजा गया है। यही नहीं पूर्व कैबिनेट मंत्री राव नरवीर सिंह व विपुल गोयल के टिकट भले ही कट गए हों, लेकिन इन्हें भी आज होने वाली बैठक का निमंत्रण भेजा गया है। ऐसी संभावना जताई जा रही है कि मंत्रियों की राय लेने के बाद ही नए मंत्री बनाए जाएंगे।
इन मुद्दों पर होगी बात : पार्टी के अंदरूनी हालातों से किस तरह से निपटा जाए, इसी विषय पर विचार विमर्श होना है। यही नहीं 75 पार का लक्ष्य हासिल न किए जाने पर भी विचार होगा। कहां किस तरह की खामी रह गई। पार्टी के एक मात्र प्रदेश महामंत्री एडवोकेट वेदपाल को पूंडरी से टिकट दिए जाने पर सवाल खड़े हो रहे हैं। यदि उन्हें करनाल जिले की सीट से टिकट मिलती तो वे जीत दर्ज कर सकते थे। ऐसे में पार्टी संगठन के अंदर भी विरोध पनपता दिख रहा है।
35 सीटें कम मिलने की वजह तलाशेंगे
पार्टी के नेताओं का कहना है कि चुनाव के लिए टिकट वितरण से ठीक पहले तक 75 सीटें जीतने का विश्वास रखने वाली पार्टी को 40 सीटों पर ही संतोष क्यों करना पड़ा। पार्टी के कई दिग्गज नेताओं ने हार के बाद मंथन किया है।