Star khabre, Faridabad ; 11th December : मंत्रियों काे तबादलों का अधिकार मिलने के बाद कर्मचारी अब पसंद के स्थान पर जाने के लिए पूरा जोर लगा रहे हैं। कोई सिफारिश लेकर तो कोई खुद अपने स्तर पर हरियाणा सचिवालय में मंत्रियों के दरबार में पहुंच रहा है। मंत्रियों को 15 दिसंबर तक तबादलों का अधिकार दिया हुआ है। ऐसे में जैसे-जैसे आखिरी तारीख करीब आ रही है, वैसे-वैसे सचिवालय में भीड़ उमड़ रही है।
हाल यह है कि मंत्रियों को देर शाम तक कार्यालयों में बैठना पड़ रहा है। जिस मंत्री के पास ज्यादा विभाग हैं, उनके कार्यालयों में कर्मचारी ज्यादा पहुंच रहे हैं। प्रदेश में करीब 3.50 लाख रेगुलर कर्मचारी हैं, जिनमें अनेक अपने घर के करीब जाना चाहते हैं।
बढ़ती भीड़ के बाद अब मंत्रियों ने यह नसीहत देना शुरू कर दिया है कि वे अपने इलाके के विधायकों, पूर्व मंत्रियों और पूर्व विधायकों की सिफारिश लाएं। इससे लोकल नेताओं का भी रसूख बना रहेगा। कई विधायक तो खुद चहेते कर्मचारियों की सिफारिश लेकर मंत्रियों के पास पहुंच रहे हैं। बता दें कि मंत्रियों को क्लास-2 से 4 तक कर्मचारियों के तबादले के अधिकार दिए गए हैं।
चौथी पर कम, पांचवीं व आठवीं मंजिल फुल
हरियाणा सचिवालय में चौथी मंजिल पर लोगों की भीड़ कम है। इस मंजिल पर मुख्यमंत्री का कार्यालय है, जबकि इससे ऊपर पांचवीं मंजिल पर डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला का ऑफिस है, जिस पर खूब भीड़ लग रही है। सबसे ज्यादा भीड़ 8वीं मंजिल पर गृह मंत्री अनिल विज और कंवर पाल गुर्जर के कार्यालय में लग रही है, क्योंकि इनके पास अन्य मंत्रियों की अपेक्षा ज्यादा महकमे हैं। इसी मंजिल पर 8 मंत्रियों के कार्यालय हैं।
ऐसा भी... विधायकों की सलाह पर ही उनके हलके में जाएंगे मंत्री
मंत्रियों से दूसरे इलाकों से आने वाले लोगों का मिलना-जुलना भी चल रहा है। अनेक संगठन उन्हें अपने इलाके में अभिनंदन के लिए बुला रहे हैं, लेकिन मंत्री कह रहे हैं कि पहले लोकल विधायक की सहमति लेंगे, तभी दूसरे हलके में जाएंगे। हालांकि कई ऐसे राजकीय कार्य हैं, जिनको लेकर मंत्री बिना सहमति के जाएंगे। किसी तरह के अभिनंदन आदि के लिए वे लोकल विधायक से बात कर ही जाएंगे। लोग मंत्रियों से कार्यक्रम लेने के लिए सीधे आने लगे हैं। गौरतलब है कि कई इलाकों में लोग गुटबाजी के चलते विभिन्न संगठनों के लोग मंत्रियों को बुलाकर विधायकों की अनदेखी करते हैं।
जजपा नेता भी आ रहे सिफारिश लेकर
प्रदेश में इस बार गठबंधन सरकार है। इसलिए भाजपा के साथ जजपा के नेता भी अपने चहेते कर्मचारियों की सिफारिश लेकर पहुंच रहे हैं। ऐसे में तबादला कराने वालों की सूची लंबी होने वाली है। इसके अलावा निर्दलीय विधायकों को चेयरमैनी मिली है, इसलिए वे भी अपनी पावर का इस्तेमाल कर कम से कम अपने इलाके के कर्मचारियों को तबादला कराकर वोट बैंक बढ़ाने की जुगत में है।