Star Khabre, Haryana; 24th December : हरियाणा सरकार ने तुरंत प्रभाव से हरियाणा फार्मेसी कौंसिल के प्रधान कृष्ण गोयल को निलंबित कर दिया है। 15 दिसंबर को राज्य चौकसी ब्यूरो द्वारा ऑडिट ऑब्जेक्शन में वित्तीय अनियमितताएं मिलने के बाद केस दर्ज किया गया था। वहीं, कृष्ण गोयल ने आरोपों को सिरे से नकारते हुए सरकार पर धक्केशाही का आरोप लगाया है। ब्यूरो की जाच बताया गया है कि 4 मई 2015 को मुख्य सचिव ने चौकसी विभाग व महानिदेशक को जांच के आदेश दिए थे। कौंसिल उपाध्यक्ष पंकज जैन व अन्य मेंबरों ने शिकायत दी थी। गोयल पर निजी कोर्ट में केसों की पैरवी के लिए कौंसिल से फीस लेकर हानि पहुंचाने का आरोप लगा था। जाच में पाया गया कि 10 जून 2014 को प्रस्ताव को टेंपर करके निजी फायदे के लिए सरकार को हानि पहुंचाने की नीयत से प्रस्ताव को बढ़ा दिया गया। जिस पर गोयल और रजिस्ट्रार सुरेंद्र शर्मा के हस्ताक्षर हैं। एक दिन आने के बजाय तीन दिन आने का प्रस्ताव कर दिया गया।
पंकज जैन को बनाया गया नया प्रधान
गोयल द्वारा कौंसिल को 4 लाख 98 हजार 900 रुपये का नुकसान करने की बात सामने आई। वहीं, कौंसिल के रजिस्ट्रार अरुण पराशर की मौजूदगी में शुक्रवार को उपप्रधान पंकज जैन ने कौंसिल के प्रधान का कार्यभार संभाल लिया।
सरकार शुरू से ही मुझे हटाने की कोशिश कर रही थी : गोयल
आरोपों के बारे में केसी गोयल ने बताया कि मैंने पहली बार आकर ऑडिट करवाया, जिसमें कई लोगों के पैसे निकले थे। मेरी तरफ 29 हजार निकाले गए, जोकि मैंने तुरंत जमा करवा दिए थे। ऑडिट रिपोर्ट में इन पैसों का कोई जिक्र नहीं है। जबसे मैं प्रधान चुना गया था, तब से मौजूदा सरकार मुझे हटाने की कोशिश कर रही थी, लेकिन अब धक्केशाही की गई है, जिसके खिलाफ न्यायालय की शरण लूंगा।