Star Khabre, Faridabad; 16th August : अक्षय कुमार की मिशन मंगल भारत की पहली स्पेस फिल्म है। अमूमन हॉलीवुड की इस जोनर की फिल्मों का बजट 500 करोड़ से ज्यादा का होता है। जैसे ग्रैविटी का बजट 100 मिलियन अमरीकी डॉलर था। इंटरस्टेलर 165 और द मार्शियन 108 मिलियन डॉलर में बनी थी। इन सबके उलट मिशन मंगल ऑफिशियली महज 32 करोड़ में बनी है। दैनिक भास्कर ने सबसे पहले बताया था कि फिल्म को किफायती बजट में बनाया गया है। पहले इसकी लागत 50 करोड़ बताई गई थी। इसमें निवेश अक्षय कुमार ने किया है।
अक्षय को कहानी पसंद आई
कहा जा रहा है कि अक्षय ने यह निवेश मजबूत स्क्रिप्ट की वजह से किया। उन्हें कहानी बेहद पसंद आई। उन्होंने आउटराइट बेसिस पर आगे फॉक्स स्टार इंडिया को बेचा है। रकम 52 करोड़ से ज्यादा की मानी जा रही है।
फिल्म के डायरेक्टर जगन शक्ति ने पुष्टि की। उनकी बहन इसरो साइंटिस्ट हैं। जगन को उनकी मदद से इसरो के और भी वैज्ञानिकों से बात करने का मौका मिला। जगन शक्ति ने बताया, "मिशन का गहराई से अध्ययन किया। यह जाना कि इतनी कम लागत में मंगल तक एक रॉकेट कैसे जा सकता है। इसके लिए हमने सौ से ज्यादा वैज्ञानिकों से बात की। उनसे मिले इनपुट्स से हमने फिल्म की कहानी डिजाइन की।" एक जुगाड़ यह था कि हर तीन साल पर मंगल छह करोड़ किलोमीटर नजदीक आ जाता है। तो वैसी तारीख में यान भेजा गया, जब पृथ्वी से मंगल की दूरी कम थी। साथ ही स्वदेसी निर्मित रॉकेट में ही 1000 किलोग्राम ईंधन के साथ मंगल पर भेजा गया।
हेवी वीएफएक्स के बावजूद काबू में रहा बजट
फिल्म में हेवी वीएफएक्स हैं। इसके बावजूद उसका बजट हाई नहीं हुआ। वह इसलिए कि इसके लिए उन टैलेंटेड की सेवाएं ली गईं, जिनका काम अच्छा था और जो इंडस्ट्री में नए हैं। उनकी कंपनी हाल ही में खुली है। लिहाजा बाजार भाव से कम पर उन्होंने वीएएफएक्स, स्पेशल इफेक्ट्स का काम करके दिया।