Star Khabre, Faridabad; 17Th August : ढाई माह के प्रतिबंध के बाद प्रदेश के जलाशयों में मत्स्य आखेट शुक्रवार से शुरू हो गया। पहले दिन गोविंद सागर व पौंगडैम समेत अन्य जलाशयों से 22 मीट्रिक टन मछली पकड़ी गई है। इसमें अलग-अलग प्रजातियों की मछली शामिल है।
सबसे अधिक वजन की मछली सिल्वर कार्प प्रजाति की बिग हेड पकड़ी गई, जिसका भार 24 किलोग्राम था। वहीं, कतला प्रजाति की सबसे बड़ी मछली का वजन 22 किलोग्राम निकला। मत्स्य प्रजनन काल के चलते प्रदेश के जलाशयों में मछली के शिकार पर 1 जून से 31 जुलाई तक पाबंदी रहती है।
इस बार मानसून सीजन की शुरुआत में अपेक्षाकृत कम बारिश होने तथा मछलियों के सही ढंग से प्रजनन न करने की वजह से प्रतिबंध की अवधि 15 दिन बढ़ाई गई थी। पाबंदी खत्म होने पर मछुआरों ने गत वीरवार शाम ही जलाशयों में जाल बिछा दिए थे। शुक्रवार सुबह जब जाल पानी से निकाले गए तो मछुआरे खुशी से झूम उठे। उनके जालों में बड़ी मात्रा में मछलियां फंसी थीं।
इनमें कई मछलियों का आकार और वजन काफी अधिक था। मत्स्य निदेशक सतपाल मेहता ने बताया कि पहले दिन लगभग 22 मीट्रिक टन मछली पकड़ी गई है। पौंगडैम से सर्वाधिक 10, जबकि गोविंद सागर से 8.7 मीट्रिक टन मछली निकाली गई है। इस लिहाज से पहले दिन लगभग 33 लाख का कारोबार हुआ है।