Star Khabre, Faridabad; 10th September : मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के पहले 100 दिनों में शेयर बाजार में निवेशकों को 12.5 लाख करोड़ रुपए का नुकसान हुआ। 30 मई को सरकार का कामकाज शुरू किया। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) पर लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैपिटलाइजेशन उस दिन 153 लाख 62 हजार 936 करोड़ रुपए था। अब 141 लाख 15 हजार 316 करोड़ रह गया है। इसकी एक बड़ी वजह विदेशी निवेशकों की बिकवाली भी रही।
विदेशी निवेशकों ने 100 दिन में 31700 करोड़ रुपए निकाले
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में सुपर-रिच पर टैक्स सरचार्ज बढ़ाने का ऐलान किया। विदेशी निवेशकों (एफपीआई) को भी इसके दायरे में माना गया। इस वजह से एफपीआई ने बिकवाली तेज कर दी थी। हालांकि, बाजार में लगातार गिरावट को देखते हुए सरकार ने पिछले महीने एफपीआई पर सरचार्ज बढ़ोतरी का फैसला वापस ले लिया। लेकिन, बाजार को ज्यादा फायदा नहीं हुआ।
मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में अब तक विदेशी निवेशक 31,700 करोड़ रुपए की बिकवाली कर चुके हैं। इस दौरान एनएसई पर सरकारी बैंकों के इंडेक्स में 26% गिरावट आ गई। सरकार के शुरुआती 100 दिन में आईटी इंडेक्स को छोड़ बाकी 10 इंडेक्स नुकसान में रहे हैं।
इंडेक्स
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100 दिन में नुकसान
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पीएसयू बैंक
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26.13%
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मेटल
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19.65%
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मीडिया
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14.07%
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ऑटो
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13.48%
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प्राइवेट बैंक
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12.48%
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बैंक
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12.11%
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रिएलिटी
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10.15%
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फाइनेंशियल सर्विसेज
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7.63%
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फार्मा
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4.79%
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एफएमसीजी
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3.89%
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विश्लेषकों के मुताबिक अमेरिका-चीन के ट्रेड वॉर की वजह से मेटल सेक्टर के शेयरों में बिकवाली हुई। ऑटो सेक्टर में एक साल से चल रही है। लगातार बिक्री घटने की वजह से ऑटो कंपनियों के शेयरों में गिरावट बढ़ी।
मोदी सरकार के दूसरी जीत की उम्मीद में विदेशी निवेशकों ने फरवरी से मई के बीच शेयर बाजार में 83,000 करोड़ रुपए निवेश किए थे। लेकिन, कई प्रमुख कंपनियों के कमजोर तिमाही नतीजों, ऑटो सेक्टर की मंदी, ग्लोबल ट्रेड वॉर और दूसरी अंतरराष्ट्रीय वजहों से भी बाजार में गिरावट आई।