Star Khabre, Chandigarh; 10th February : लांडरां रोड पर स्थित अंबिका इंफ्रास्ट्रक्चर नामक रियल इस्टेट कंपनी की तीन मंजिला कमर्शियल बिल्डिंग 2009 में बनाई गई थी। उक्त बिल्डिंग का नक्शा नगर काउंसिल खरड़ से अप्रूव है। तब से ही बिल्डिंग में कंपनी का दफ्तर चल रहा था। आसपास ही करीब 1000 वर्ग गज जमीन पर नई बिल्डिंग बनाने को लेकर तीन महीने पहले ही नगर काउंसिल खरड़ से पुरानी बिल्डिंग के नक्शा रिवाइज करवाया था।
नक्शा रिवाइज करवाने के दौरान काउंसिल को एक कंसेंट लेटर व एफिडेविट कंपनी ने दिया था, इसमें लिखा था कि 2009 में बनाई कमर्शियल बिल्डिंग गिराने के बाद नया काम शुरू करवाया जाएगा। पर बिल्डिंग गिराए बगैर काम शुरू कर दिया। यहां काम कई दिनों से चला हुआ था, नगर काउंसल ने मौके पर जाकर चेक करने की जहमत नहीं उठाई।
खरड़-लांडरां रोड पर तीन मंजिला बिल्डिंग गिरने के लिए खुदाई करवा रहे ठेकेदार और कंपनी को सीधे तौर पर जिम्मेदार माना जा रहा है। पता चला है कि मौजूदा ठेकेदार से पहले काम करवा रहे ठेकेदार ने कंपनी मालिक को स्पष्ट रूप में कह दिया था कि पुरानी बिल्डिंग की नींव के आसपास 7 मीटर के दायरे में खुदाई करने के गंभीर परिणाम सामने आएंगे। उन्होंने कहा था कि अगर सात मीटर के हिस्से से छेड़छाड़ की गई तो पुरानी बिल्डिंग को नुकसान होगा। इसके बाद उक्त ठेकेदार अपना काम समाप्त करके चला गया।
कंपनी ने काम नए ठेकेदार को सौंप दिया। उक्त ठेकेदार ने बिना किसी टेक्निकल सलाह के खुदाई शुरू करवा दी। यहां तक कि पुरानी बिल्डिंग के नींव के सात मीटर के दायरे में भी खुदाई कर दी। यही कारण है कि यह बिल्डिंग गिर गई। यहां खुदाई काफी दिन से चल रही थी। हैरानी की बात है कि कंपनी मालिक ने ठेकेदार को पुरानी बिल्डिंग की नींव के आसपास खुदाई करने से रोका तक नहीं।
ठेकेदार और कंपनी मालिक की लापरवाही के कारण जेसीबी से खुदाई कर रहे ऑपरेटर को जान गंवानी पड़ी। हालांकि, पुलिस ने कंपनी मालिक पर तो केस दर्ज कर लिया है। पुलिस का कहना है कि अंबिका ग्रुप के एमडी प्रवीण कुमार ने अन्यों के साथ मिलकर सरकारी हिदायतों की अनदेखी करते हुए नियमों के विपरीत उक्त बेसमेंट की खुदाई कर लोगों की जान से खिलवाड़ किया है। इस संबंध में धारा 287,288,336,337,427,420,120बी के तहत केस दर्ज किया। जेसीबी ऑपरेटर हरविंदर सिंह की मौत के बाद इसमें धारा 304 भी जोड़ी गई है।
प्रशासन का दावा-मलबे के नीचे अब कोई नहीं
मौके पर रविवार को भी क्रेन से बिल्डिंग के मलबे को हटाने के लिए सुबह से ही काम शुरू किया गया। दिन भर क्रेन से मलबा हटाया जाता रहा, लेकिन शाम को मलबे के नीचे कोई नहीं मिला। प्रशासन ने दावा किया है कि मलबे के नीचे अब कोई नहीं है। प्रशासन ने पंचकूला, बठिंडा से आई एनडीआरएफ की टीमें वापस भेज दी हैं।
रविवार सुबह एसडीएम खरड़ हिमांशु जैन घटनास्थल पर पहुंचे थे और स्थिति का जायजा लिया। एसडीएम ने बताया कि हादसे में तीन लाेग घायल हुए थे जबकि एक की मौत हुई है। किसी अन्य व्यक्ति के मलबे के नीचे दबे होने की कोई संभावना नजर नहीं आ रही, न ही कोई गुम है। फिर भी मलबे को हटाने का कार्य जारी रखा जाएगा। पुलिस की मौजूदगी में मलबा हटाने का काम किया जा रहा है।
कंपनी मालिक पर तो केस दर्ज कर लिया है। पुलिस का कहना है कि अंबिका ग्रुप के एमडी प्रवीण कुमार ने अन्यों के साथ मिलकर सरकारी हिदायतों की अनदेखी करते हुए नियमों के विपरीत उक्त बेसमेंट की खुदाई कर लोगों की जान से खिलवाड़ किया है। इस संबंध में धारा 287,288,336,337,427,420,120बी के तहत केस दर्ज किया। जेसीबी ऑपरेटर हरविंदर सिंह की मौत के बाद इसमें धारा 304 भी जोड़ी गई है।