Star Khabre, Chandigarh; 13th February : नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) प्रिंसिपल बेंच ने बुधवार काे जेपी प्रबंधन काे झटका देते हुए चंडीगढ़ शहर के पक्ष में फैसला दिया है। एनजीटी ने जेपी प्रबंधन काे गारबेज प्राेसेस करने की टिपिंग फीस देने से साफ इंकार कर दिया। अब नगर निगम एक महीने के भीतर तय करेगी कि जेपी प्लांट आगे चलाना है या नहीं। या प्लांट साॅल्वेंट वैल्यू पर लगाना है। यह फैसला साेमवार काे जस्टिस आदर्श कुमार गाेयल की अध्यक्षता में एनजीटी प्रिंसिपल बेंच दिल्ली ने सुनाया।
यह फैसला एनजीटी की प्रिंसिपल बेंच ने जस्टिस प्रीतम पाल सिंह की अध्यक्षता वाली माॅनिटरिंग कमेटी की रिपाेर्ट पर दिया। जस्टिस प्रीतम सिंह और रिटायर्ड चीफ सेक्रेटरी हरियाणा उर्वशी गुलाटी ने पिछले महीने एन-चाै और गारबेज प्राेसेसिंग प्लांट का दाैरा किया था। गारबेज प्राेसेसिंग यूनिट में 25 हजार टन कचरा डंप पड़ा हुआ था। ऐसा गारबेज प्राेसेस नहीं किए जाने की वजह से हाे रहा था।
प्लांट में काफी कमियां मिली थी, जिसे जेपी प्रबंधन को दुरुस्त करने की डायरेक्शन दी गई थी। लेकिन प्रबंधन ने कुछ नहीं किया। एनजीटी माॅनिटरिंग कमेटी ने रिपाेर्ट बनाकर एनजीटी प्रिंसिपल बेंच काे सबमिट कर दी। इसी रिपाेर्ट के बेस पर एनजीटी ने बुधवार काे सुनवाई के दौरान जेपी प्रबंधन का पक्ष सुनने से साफ मना कर दिया। कहा कि तुम्हारी वजह से चंडीगढ़ शहर में एयर पाॅल्यूशन हाे रहा है।
म्युनिसिपल साॅलिड वेस्ट मैनेजमेंट रूल 2016 काे फाॅलाे नहीं किया जा रहा है। निगम की ओर से पेश हुए एडवाेकेट ने जिरह दी कि एनजीटी माॅनिटरिंग कमेटी ने चेकिंग के दाैरान जेपी गारबेज प्राेसेसिंग प्लांट में कमियां मिली। यूनिट के अंदर 25 हजार टन गारबेज डंप हुआ पड़ा था। इसे एमसी अपने स्तर पर वहां से डंपिंग ग्राउंड में लगी मशीनाें में प्राेसेस करवाने लगा है। इसपर एमसी का लाखाें खर्च हाेना है। एमसी की ओर से बार-बार डायरेक्शन दिए जाने के बाद जेपी यूनिट में प्राॅपर गारबेज प्राेसेस नहीं किया जा रहा है। प्लांट काे अपग्रेडेशन किए बिना संभव नहीं है। जब तक इस प्लांट काे अपग्रेड नहीं किया जाता है तब तक गारबेज प्राेसेस नहीं हाे सकेगा, ऐसे ही डंपिंग ग्राउंड बनता रहेगा।
अभी तक जेपी प्रबंधन गारबेज प्राेसेसिंग यूनिट एमसी काे हैंडओवर करने पर बात करने काे तैयार नहीं हाे रहा था। इसकाे लेकर कई बार मीटिंग हाे चुकी थी। अब एनजीटी की डायरेक्शन मिलने पर एमसी एक महीने भीतर प्लांट की साॅल्वेंट वैल्यूएट करने का प्राेसेस शुरू कर देगा। अगर फिर जेपी प्रबंधन एमसी के साथ नेगाेसिएशन करने के लिए सहमत नहीं हाेता है ताे एमसी एनजीटी प्रिंसिपल बेंच में इस बारे में लिखकर दे देगी।
नगर निगम मेयर राजबाला मलिक ने कहा कि एनजीटी का फैसला एमसी और शहर के पक्ष में है। टिपिंग फीस देने से एनजीटी ने मना कर दिया और एक महीने में एमसी तय करेगा कि प्लांट आगे चलवाना है या नहीं।
नगर निगम के कमिशनर केके यादव का कहना है कि कमेटी की रिपाेर्ट के बेस पर एनजीटी प्रिंसिपल बेंच ने एमसी के पक्ष में फैसला दिया है। जेपी की ओर से मांगी गई टिपिंग फीस काे एनजीटी ने रिजेक्ट कर दिया। एक महीने में एमसी ने तय करना है कि प्लांट काे जेपी से चलवाना है या नहीं।