Star Khabre, Delhi; 27th March : नीरव मोदी का पीएनबी घोटाला सामने आने के बाद पंजाब नेशनल बैंक पर खतरे की तलवार लटक रही है। इस तरह से अाये दिन पीएनबी की मुश्किले कम होने का नाम ही नही ले रही है। भारतीय बैंकिंग इतिहास में ऐसा पहली होगा जब एक सरकारी बैंक दूसरे बैंक को डिफॉल्टर की कैटेगरी में डालेगा। रिपोर्ट के अनुसार बताया जा रहा है कि पीएनबी की ओर से जारी लेटर ऑफ अंडरटेकिंग के आधार पर यूनियन बैंक ऑफ इंडिया (यूबीआई) ने करीब 1000 करोड़ रुपए का लोन दिया था। जिनकी अदायगी 31 मार्च तक करनी है। अगर पीएनबी इस पैसे को सही समय तक वापस नहीं कर पाता है तो इसे डिफॉल्टर की कैटेगरी में डाल सकता है।रेटिंग एजेंसी से जुड़े अधिकारी ने बताया कि यदि कोई बैंक डिफॉल्टर की सूचि में है तो यह काफी मुश्किल स्थिति है। सरकार और रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की ओर से इस संबंध में और स्पष्ट बयान की प्रतीक्षा करनी चाहिए। बताया जा रहा हैं कि असगर 31 मार्च तक अगर सरकार और आरबीआई ने पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) की मदद नहीं की, तो इसे डिफॉल्टर होने से कोई नहीं रोक सकता है।